Sunday, December 7, 2014

जंग लगे पत्ते


नये नये पत्तों को देखो लग रहा है जंग 
आते जाते गाड़ियों से सब खा रहे हैं  धूल
हरे - हरे पहले थे अब बदल गया है रंग 
नये नये पत्तों को देखो लग रहा है जंग 
हँसते गाते प्रकृति को कब तक करोगे तंग 
भले मानस ये बता किसने की ये भूल ?
नये नये पत्तों को देखो लग रहा है जंग 
आते जाते गाड़ियों से सब खा रहे हैं धूल