Tuesday, December 30, 2014

अपनी खेत

गावं छोड़ा अपनी खेत याद है 
हरी-हरी फसल और कटाई 
वो उड़ती मिट्टी से रेत याद है 
गावं छोड़ा अपनी खेत याद है 
कलम और कागज से खेलते है 
फिर भी कुदाल की बेंत याद है 
गावं छोड़ा अपनी खेत याद है