शब्दों का तमाशा देखो
Wednesday, December 24, 2014
सकारात्मक बदला
देखो कितना बदल गया है जमाना पर लगता कुछ बदला नही |
हज़ार कहानियाँ पढ़ीं पर किसी में था सकारात्मक बदला नही ||
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