Friday, July 3, 2015

पेड़ों पे बसा ग्राम

सूरज  ने किया जब आकार भोर
चिड़ियों ने किया तब जमकर शोर
पंख फ़ैलाने लगे सब ताबतोड़
उड़ने की देखो लगने वाली है होड़
अब शुरु होगी इनकी आसमानी दौड़
आम की एक आम भागदौड़

सब एकसाथ जा रहे हैं
जैसे आसमान में छाता है घट्टा घंघोरे
सब जा रहे है भोजन खोजने इस ओर से दूसरी छोर
आगे जाकर आया मोड़
सब नीचे उतारे तब अपनी पंखों को जोड़
और करने लगे अपने चारे की खोज
यहीं काम तो ये करते हैं ये रोज

चिड़ियों की पूरी फौज
आपस में कर रही थी  मौज
तभी अहिस्ता-अहिस्ता ई शाम
तब तक सबने पूरी कर ली थी चारा खोजने का काम
और पंक्तिवद तैयार थे
उड़ चलने को पेड़ों पे बशे अपने ग्राम