शब्दों का तमाशा देखो
Sunday, July 26, 2015
हम खुदके लिये ठहाका लेकर
दिल में देश का इलाका लेकर घूमते हैं,
हम आम लोग कहाँ पताका लेकर घूमते हैं
दर्द है, चिंता है, अपनों की
हम खुदके लिये ठहाका लेकर घूमते हैं
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