Thursday, July 16, 2015

नई सुबह आयी है

सूरज  ने  रात के काले परदे गिराये 
बाग़ में कली आज फिर मुस्कायी है 
क्या रखा है सुस्त बिस्तर पे पड़े रहने में 
देखो !तुमसे मिलने एक नई सुबह आयी है