सूरज ने रात के काले परदे गिराये
बाग़ में कली आज फिर मुस्कायी है
क्या रखा है सुस्त बिस्तर पे पड़े रहने में
देखो !तुमसे मिलने एक नई सुबह आयी है
बाग़ में कली आज फिर मुस्कायी है
क्या रखा है सुस्त बिस्तर पे पड़े रहने में
देखो !तुमसे मिलने एक नई सुबह आयी है