ऐ आवाज़ बता तूने क्यों अपने हैं मुंह सिले
पूरी नही हो सकी जिसकी गिनती कहाँ गये वो महफिले
कभी - कभी थोड़ा एहसास होता है की दोस्त था दोस्ती थी
वक़्त नही अब किसी के पास बस कभी एक तो कभी दो से मिले
पूरी नही हो सकी जिसकी गिनती कहाँ गये वो महफिले
कभी - कभी थोड़ा एहसास होता है की दोस्त था दोस्ती थी
वक़्त नही अब किसी के पास बस कभी एक तो कभी दो से मिले