शब्दों का तमाशा देखो
Thursday, December 18, 2014
उजली तितली
"छोटी छोटी बर्फ़ पे कविता "
बिना पंख के उड़ रही है
पेड़ों पे बैठ पेड़ों से जड़ रही है
खिड़की पे आराम कर रही है
वो उजली तितली काम कर रही है
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