धूमिल सा हो रहा है जहाँ
फूलों के झुक गये हैं सिर
सूरज कह रहा है अलविदा
शाम का वक़्त आ गया फिर
आसमान चित्रपटल बना
आसमान ने पहनी है चीर
दिन का राजा अब चला गया
बनाकर सुनहरी लकीर
फूलों के झुक गये हैं सिर
सूरज कह रहा है अलविदा
शाम का वक़्त आ गया फिर
आसमान चित्रपटल बना
आसमान ने पहनी है चीर
दिन का राजा अब चला गया
बनाकर सुनहरी लकीर