चाँद की दूधिया रोशनी में
बादल का चेहरा नज़र आ रहा है
रात में देखो ,चोरों की तरह
छुपकर वो कहीं जा रहा है
ठंढी हवा के आती जाती झोकें
पेड़ अपना हाँथ हिला रहा हैं
रात में देखो ,चोरों की तरह
छुपकर बादल कहीं जा रहा है
बादल का चेहरा नज़र आ रहा है
रात में देखो ,चोरों की तरह
छुपकर वो कहीं जा रहा है
ठंढी हवा के आती जाती झोकें
पेड़ अपना हाँथ हिला रहा हैं
रात में देखो ,चोरों की तरह
छुपकर बादल कहीं जा रहा है