Sunday, July 20, 2014

छुपकर बादल कहीं जा रहा है

चाँद की दूधिया रोशनी में
बादल का चेहरा नज़र आ रहा है
रात में देखो ,चोरों की तरह
छुपकर वो कहीं जा रहा है

ठंढी हवा के आती जाती झोकें
पेड़ अपना हाँथ हिला रहा हैं
रात में देखो ,चोरों की तरह
छुपकर बादल कहीं जा रहा है