पटुए की कटी शरीर नदी में डुबाई गयी
सन निकलने की खातिर वो लायी गयी
खेत में वो लहलहा रही थी सावन में
भादो में किसानो द्वारा सड़ायी गयी
पटुए की कटी शरीर नदी में डुबाई गयी
भरी भरकम डंडों से वो दबायी गयी
धरा पे झूम रही थी हवाओं संग
जब वो काटकर नदी में लायी गयी
पटुए की कटी शरीर नदी में डुबाई गयी
जब सड़ गयी तो उपर लायी गयी
उसके तन से उजले कपड़े निकाले गये
और एक सफ़ेद छड़ी बनायीं गयी
सन निकलने की खातिर वो लायी गयी
खेत में वो लहलहा रही थी सावन में
भादो में किसानो द्वारा सड़ायी गयी
पटुए की कटी शरीर नदी में डुबाई गयी
भरी भरकम डंडों से वो दबायी गयी
धरा पे झूम रही थी हवाओं संग
जब वो काटकर नदी में लायी गयी
पटुए की कटी शरीर नदी में डुबाई गयी
जब सड़ गयी तो उपर लायी गयी
उसके तन से उजले कपड़े निकाले गये
और एक सफ़ेद छड़ी बनायीं गयी