पटुए की कटी शरीर नदी में डुबाई गयी सन निकलने की खातिर वो लायी गयी खेत में वो लहलहा रही थी सावन में भादो में किसानो द्वारा सड़ायी गयी पटुए की कटी शरीर नदी में डुबाई गयी भरी भरकम डंडों से वो दबायी गयी धरा पे झूम रही थी हवाओं संग जब वो काटकर नदी में लायी गयी पटुए की कटी शरीर नदी में डुबाई गयी जब सड़ गयी तो उपर लायी गयी उसके तन से उजले कपड़े निकाले गये और एक सफ़ेद छड़ी बनायीं गयी
ati hai hamari pyari dharti Ma bhesh badal badalkar kabhi kheton mein ghani hariyali to kabhi phoolon ki lali bankar
ati hai hamari pyari dharti Ma bhesh badal badalkar kabhi genhun ki sunhari pili wali kabhi pyaj ki hari kayali bankar
ati hai hamari pyari dharti Ma bhesh badal badalkar phalon se laddi dali bankar jise khate ho thali bharkar
ati hai hamari pyari dharti Ma bhesh badal badalkar kabhi hawaon ke sath chalkar to kabhi nadi ke jal ke sath bahkar aur chali jati hampe jivan ka amrit malkar
पुस्तक कॉपी लादे लादे जाते थे पुस्तक कॉपी लादे लादे आते थे पढाई की पवित्र काम से पहले रोजाना प्रार्थना हमलोग गाते थे जोर से पढ़ते ,चीखते चिल्लाते थे सफ़ेद पन्नो को स्याही खिलते थे वो स्लेट बनी टेढ़ी - मेढ़ी लकीरें सब मिलकर एक शब्द बन जाते थे पुस्तक कॉपी लादे लादे जाते थे पुस्तक कॉपी लादे लादे आते थे
panditji-beta fere lo bewkoof dulha-kyon? panditji-sat feron ko hi shadi kahte hain bewkoof dulha-tab to main 100/7 bar shadi kar chuka hoon panditji-wo kaise? bewkoof dulha-ek ladki ke ghar ki main 100 fere lga chuka hoon
इंतजार में बैठा किसान गांव में , की कब आयेगी ये सुखी धरती , मेघों के वो मतवाली छांव में, अभी तक इन्द्रदेव खुश नही हुए , सवाल पूछ रहा है आज , इंतजार में बैठा किसान गांव में , क्यों नही आया पानी का बादल, किसने डाली जंजीर उसके पांव में ,