Friday, November 8, 2013

आम की डालियाँ

आम की डालियाँ
भाँती-भाँती की आम की प्रजातियां
सबकी देखो झुकी हुयी है डालियाँ
शायद सब कर रहें हैं आम अंकल के आने की तैयारियाँ
देखो मंजरों पे आने लगी है मधुमखी रानियाँ
चरों तरफ है बस फूलों की वादियाँ
भंवर भाई भी कूल है
अपनी कलियों के साथ मशगुल है
बाग में गूंजने लगी है गिलहरी की किलकारियां
शायद उनसे छिपाए नही चिप रही है आम अंकल के आने की खुशियाँ
बसंती हवाओं से खेल रही है आम की हर एक डालियाँ
सहसा बजने लगी मेरे रूम की घंटियाँ
और अधूरी रह गयी मेरे बचपन की अनोखी कहानियाँ