शब्दों का तमाशा देखो
Wednesday, November 12, 2014
दूब की चादर
छोटे - छोटे इतने सारे किसने बिछाये,
सूरज की रोशनी में चमक रहा है ,
दूब की चादर पर इतने तारे किसने बिछाये
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