Saturday, August 23, 2014

धान का मकबरा


गूगल की ये जानी पहचानी सी तस्वीर ,
मेरे अपने बचपन की याद दिलाती है ,
जब जाड़े के दिनों में सूरज देर से उठता था ,
और ठंडी किरण अपने साथ धुंध लाती थी ,
जब चाचाजी धान का मकबरा बनाते थे ,
और भरी खलिहान खेतों की उपज दिखाती थी 

गूगल की ये जानी पहचानी सी तस्वीर ,
मेरे अपने बचपन की याद दिलाती है ,
जब सुबह में पछुआ पवन का असर होता था ,
और धरती ओस की बूंदों से नहाती थी ,
जब चाचाजी एक कारीगर बन जाते थे ,
और धान की फसल एन नई चित्र दिखाती थी ,

गूगल की ये जानी पहचानी सी तस्वीर ,
मेरे अपने बचपन की याद दिलाती है ,
जब सुबह में ठण्ड ठंडक की सुई चुभोता था ,
और दिन कुहरे के संग आती थी,
जब चाचाजी धान का मकबरा बनाते थे ,
और फसल रखने का काम खलिहान निभाती थी