Friday, January 30, 2015

Shabdon Mein Anuvaad


Kavita nhi ham to bas apni bhawnao ka shabdon mein anuvaad karte hain,
kabhi suraj dhalne ke bad to kabhi chand niklne ke bad karte hain,
kabhi unki yadon  ke sath ashiqi to kabhi khud ke sath hi vivad karte hain,
soch soch kar kya kar lunga isiliye en shawdon ko hi awaad karte hai

Saturday, January 24, 2015

भारत से अब आगे आयेगा कौन


दुनिया ने है सबसे सवाल पूछा
भारत से अब आगे आयेगा कौन 
गाँधी सुभाष भगत आजाद 
अब महान बन दिखलायेगा कौन 
कई वीरों ने है वीरगती पायी 
अब सीमा पर लड़ने आयेगा कौन 
दुनिया ने है सबसे सवाल पूछा
भारत से अब आगे आयेगा कौन
लता और रफ़ी के सुन्दर स्वर 
अब सरगम सजायेग कौन 
सचिन ने सन्यास लिया 
अब तेंदुलकर जैसा बनेगा कौन 
दुनिया ने है सबसे सवाल पूछा
भारत से अब आगे आयेगा कौन
बहुत धनी ये हमारी धरती 
बोलो अब हल चलाएगा कौन 
कितना सुरीला था वो सितार
रवि शंकर बन उसे बजायेग कौन 
दुनिया ने है सबसे सवाल पूछा
भारत से अब आगे आयेगा कौन
हॉकी का है अब मैदान खाली
ध्यानचंद की छवि लायेगा कौन 
हिन्द राष्ट्र  में हम गर्व से रहेंगे 
बोलो ये तिरंगा फहरायेगा कौन?
दुनिया ने है सबसे सवाल पूछा
भारत से अब आगे आयेगा कौन


Friday, January 23, 2015

नन्हे हाँथों में देखो तिरंगा


खेतों को नहलाती है गंगा,
दुनियावालों ना लेना पंगा,
भारत हमारा आगे जायेगा 
नन्हे हाँथों में देखो तिरंगा,

देश का वातावरण बनायेंगे चंगा 
बाहर कर देंगे हम वतन से दंगा 
भाईचारा और एकता का प्रतीक 
नन्हे हाँथों में देखो तिरंगा,

हरयाली से है धरती अब रंगा 
खेतों में देखो पौधा नंगा 
मेहनत से हम आगे बढ़ेंगे 
नन्हे हाँथों में देखो तिरंगा,




Thursday, January 22, 2015

SHABDKAAR


GOOGLE se shawd chun-chunkar ushe
kisi ki khubsurati ke varnan mein lgate hain
mera hanth jab keyboard pe hota hai
ye chupchap apne kaam pe lag jate hain
shabdon se ham ek chehra bnate hain

unki jhalak jb yadon mein milti hai
wo chhawi en shawdon mein utar dete hain
apne wakyon ko sundar rup dene khatir
ham unshe unki har adda udharlete hain
shabdon se ham ek chehra bnate hain

anginat labz dhundh-dhundh kar late hain
aur fir ushi se wo murat sajate hain
bhagwan ne unhe khubsurat bnaya hai
ham shwbdon se wahin surat bnate hain

kabhi kabhi ye shawd puchhte hain
kaisi hai wo
to SAN yahin kahta hai
tumsab milkar jo bta rhe ho aisi hai wo
eshi tarah ke halat hote hain
jab shabdon se ek chehra bnate hain

koi agar puchhta hai ki tum kya karte ho?
to kahte hain "ham shwadkaar hain aur bas apna farz nibhate hain"
shabdon se ham ek chehra bnate hain 

Tuesday, January 20, 2015

सजाने को तैयार


हुई इनकी उमर पूरी 
है अब गिरने को तैयार 
पेड़ के नीचे बिछकर
धरती सजाने को तैयार 

Thursday, January 15, 2015

गिरा सफ़ेद बादर


सभी पेड़ों के शर पे 
पर्वत के शरीर पर 
बर्फ की लम्बी है चादर 
पता ना चला किसी को 
कब गिरा ये सफ़ेद बादर 



Wednesday, January 14, 2015

शहर की जिंदगी तेज


लोग कहते हैं शहर की जिंदगी तेज है 
कमरे से निकलते हैं तो बस बस रुका दिखता है 
सब कहते हैं मुझे इस जिंदगी से परहेज है 
लेकिन सब बस आज भी रुका दिखता


Sunday, January 11, 2015

आसमान से वो उतरती


सुबह आसमान से वो उतरती 
सूरज उसका सुनहरा सा घर 
मैयका उसकी ये हमारी धरती 

ओस को हर रोज उठाया करती 
सजाती वो हर बगीचों की नगर 
सुबह आसमान से वो उतरती

हर प्रातः पूरब से निकलती
जाती वो हर शहर - शहर 
मैयका उसकी ये हमारी धरती 

कभी पेड़ों पे कभी फुलों पे फिसलती 
तितली बोलती तू ठहर - ठहर 
सुबह आसमान से वो उतरती

बादल और कुहरे से है  डरती 
लगता किरण को इनसे डर 
मैयका उसकी ये हमारी धरती

कलियों को रोज खिलाया करती 
उड़ती रहती है किरण बिना पर 
सुबह आसमान से वो उतरती 
मैयका उसकी ये हमारी धरती


Friday, January 9, 2015

छोटा लकड़हारा


वो देखो छोटा लकड़हारा 
बना रहा है पेड़ पे एक घर 
बहुत मेहनत कर रहा बेचारा 
वो देखो छोटा लकड़हारा 
कितना नन्हा कितना प्यारा 
सीखो कुछ करना हो अगर 
वो देखो छोटा लकड़हारा 
बना रहा है पेड़ पे एक घर 


Wednesday, January 7, 2015

पेड़ों को गले लगा लिया

ठंड  के  मारे पेड़ों  को गले लगा लिया 
वो नवजात नन्हा सा बर्फ का टुकड़ा 
जिसे उसके पिता ने घर से भगा दिया 
ठंड  के  मारे पेड़ों  को गले लगा लिया 

Monday, January 5, 2015

कमल उदय



तालाब सुन्दरता से भर जाता है 
वातावरण खुश नज़र आती है 
जब सूरज की  हर  पहली  किरण 
कमल को जल  से बाहर लाती है 

Friday, January 2, 2015

लापता खिलौना


खोज रहा हूँ कचरे में आज 
मेरा खिलौना कहीं खो गया 
मुझे तो भूल चूका समाज 
भगवान तुझे क्या हो गया ?

सफ़ेद कोट



खुदको  ठंड  से  बचाने  का इंतजाम कर 
देखो वो आज सफ़ेद कोट पहन आया है 

सर्दी क्या तुझे किसी और की चिंता नही ?