शब्दों का तमाशा देखो
Friday, December 6, 2013
चाँदनी से जला तन
सूरज को देखकर खिली पुष्प
चाँद देखकर मुरझाई क्यों ?
तीखे धुप में रंग बिखेर रही थी
शरद चाँदनी में तन जलाई क्यों ?
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