Saturday, December 21, 2013

एक वरदान एक अभिशाप

 

एक वरदान अमरता का 
एक अभिशाप जड़ता का 
एक वरदान ना मरने का 
एक अभिशाप किसी के हाँथों मारे जाने का 
एक वरदान हमेशा बढ़ने का 
एक शाप शाखों के काटने का 
एक पेड़ हूँ मैं 
पता नही कब आये फरमान जीने का 
पता नही कब आये  फरमान मरने का