Saturday, February 28, 2015

मधुवन में सहेलियाँ


मधुवन में सहेलियाँ इतराती हुई 
अपना - अपना रंग दिखाती हुई 
सब आनंद उठा रहे है सुबह का 
कोई गाती कोई गुनगुनाती हुई 

मधुवन में सहेलियाँ इतराती हुई 
एक साथ सब नज़र आती हुई 
सभी सुन्दर सुन्दर लग रही हैं 
एक दुसरे का साथ निभाती हुई 

मधुवन में सहेलियाँ इतराती हुई
दूर जाती और पास आती हुई 
प्रकृति भी ले रही होगी आनंद 
अच्छी लग रही है साथ सरमाती हुई 

Saturday, February 21, 2015

कमल की कमर


कमर अपनी धीरे से हिला रहा है  
मन में जो आया वो गा रहा है 
लाल रंग से सरोवर सजा रहा है 

Monday, February 16, 2015

तितली के पंखों पर

बहुत रंगीन और सुन्दर नारी है 
एक दो नही बल्कि बहुत सारी है 
तितली के नन्हे - नन्हे पंखों पर
भगवान ने की चित्रकारी है 

Thursday, February 5, 2015

नन्हे बच्चे आसमान

एक दूसरे को झेलने आये है 
हर रोज की तरह फिर से 
अँधेरी रात को खेलने आये हैं 
नन्हे बच्चे आसमान के 

देखो जगमगाते तारे हैं 
आपस में मौज कर रहे 
देखो वो बहुत सारे हैं 
नन्हे बच्चे आसमान के 

Tuesday, February 3, 2015

सफ़ेद फल


देखा था डालियों पे कल 
वो चमकता सफ़ेद फल 
बच्चों ने कहा बर्फ है 
मैंने कहा सर्दी है आजकल 

Sunday, February 1, 2015

बाबा बसंत

सुहाने मौसम में काली कोयल गाये,
पूछ रही है किसने पेड़ों पे पत्ते लगाये,
कलियों की मुस्कान ने उसे समझाया,
बाबा बसंत फिर हैं अपने घर लौट आये 
उन्ही ने तो है पेड़ों के हरे बाल लाये 
सुहाने मौसम में काली कोयल गाये,
पूछ रही है किसने पेड़ों पे पत्ते लगाये,