Sunday, September 18, 2022

जितिया

पहले भी मनाती थीं और फिर मनाएगी । 
भोरे-भोरे मैया मरुआ के रोटी बनाएगी। 
आज भूखेपेट सोयी होगी बिना पानी पिये । 
कल सुबह वो खुदको जल्दी जगायेगी । 

पहले की तरह इस बारी भी मनाएगी । 
झिंगनी की तरकारी भी बनाएगी। 
बेटों के लिए कुस्सी केराव निगलने, 
कल सुबह वो खुदको जल्दी जगायेगी । 

पर्व का नाम वो जितिया बतायेगी । 
भोरे-भोरे मैया नोनी और पोई साग बनाएगी। 
भात साथ कल क़ंदा का सब्ज़ी पकाने, 
कल सुबह वो खुदको जल्दी जगायेगी ।