भोरे-भोरे मैया मरुआ के रोटी बनाएगी।
आज भूखेपेट सोयी होगी बिना पानी पिये ।
कल सुबह वो खुदको जल्दी जगायेगी ।
पहले की तरह इस बारी भी मनाएगी ।
झिंगनी की तरकारी भी बनाएगी।
बेटों के लिए कुस्सी केराव निगलने,
कल सुबह वो खुदको जल्दी जगायेगी ।
पर्व का नाम वो जितिया बतायेगी ।
भोरे-भोरे मैया नोनी और पोई साग बनाएगी।
भात साथ कल क़ंदा का सब्ज़ी पकाने,
कल सुबह वो खुदको जल्दी जगायेगी ।