Sunday, August 23, 2015

badal ke kale bichhawan

badal ke kale bichhawan pe
chaand ratbhar soyaa tha
Tip Tip Tip Tip barasha shavan
Asmaan mein aaj koi roya tha

Monday, August 17, 2015

Subah ki phoonk

Subah ki phoonk 
Falak ke tare bujh gye 
Suraj ki tez lauu 
Asman mein sare bujh gye

Friday, August 14, 2015

15 अगस्त का प्रसाद

हरे बाँस की पतली लम्बी कनैली लाते थे 
सफ़ेद कागज को अपने ढंग से सजाते थे
स्कूल की एक टूटी हुई जलेबी के लिए 
कितने जोर-जोर से हम नारे लगाते थे  

सुबह को अपनी वंदेमातरम्  की शोर सुनाते थे
चिड़ियों को इस दिन चहचहाना सिखाते थे 
बिना किताब कलम के गुरूजी से मिलते 
देश को अपनी सकारात्मक जोश दिखाते थे 
हरे बाँस की पतली लम्बी कनैली लाते थे 
सफ़ेद कागज को अपने ढंग से सजाते थे

खुदको खुदसे इतिहास याद दिलाते थे
जन गण मन एक लय में गाते थे 
स्कूल की एक टूटी हुई जलेबी के लिए 
कितने जोर-जोर से हम नारे लगाते थे



Saturday, August 8, 2015

farमर


खेती जानते तक नहीं farमर farमर चिल्लाते हैं
मेरे लिये दुःख उनको कुछ होता नही 
बस घडियाली आँसू आँखों से दिखाते हैं 
हमको वो क्या जाने जो बस वोट माँगने आते हैं 
खेती जानते तक नहीं farमर farमर चिल्लाते हैं

खिलवाते हो महँगे साग सब्जियाँ शहर को 
व्यापारियों से मेरा पैसा कब दिलवाओगे
अबकी बार जो झूठे वादे लेकर मेरे गाँव आये
भर पेट फटे जूते खाकर जाओगे 

खेती जानते तक नहीं farमर farमर चिल्लाते हैं
देश का सारा पैसे खाते बस नोटों की फसल उगाते है 
मेरी जब जब बात चलती है 
बूढ़े और जवान सह्ज़ादे एक दूसरे को गाली दे जाते हैं 
खेती जानते तक नहीं farमर farमर चिल्लाते हैं

chaand ko chandani se jod gya

Nile asmano mein sonewala
Kali falak pe kuchh chhod gya
Anjan jagah pe sote sote hii sahi 
chaand ko chandani se jod gya