हरी हरी दूब की घास सर झुकाए हुए थे ,
रात में ओस की बारिश में नहाये हुए थे ,
सुबह की किरणों के साथ चमक रहे थे ,
हरी हरी दूब सफ़ेद गजरा लगाये हुए थे
रात में ओस की बारिश में नहाये हुए थे ,
सुबह की किरणों के साथ चमक रहे थे ,
हरी हरी दूब सफ़ेद गजरा लगाये हुए थे