Friday, October 31, 2014

कलि चहक गई

सूरज देखा आकाश में, कलि चहक गई,
फूल खिला हरयाली में उपवन महक गई,
नाच रही है ,बेसुध सी तितलियाँ सारी ,
आज तो मधुमक्खियाँ भी बहक गई