Sunday, June 29, 2014

बरसाती नदी

जंगलों के स्नानघर से आती नदी
बहती बरसात में बरसाती नदी 
गर्मी में सूखी सहमी सी एक खाई
बादलों के आने पर बन जाती नदी 

ग्रीष्म ऋतु में शर्म की मार खाती नदी 
बरसात में अपना दमख़म दिखाती नदी 
सहयोग मिलता है इसको बारिश का 
जब अपना रास्ता  है ,बनाती नदी 

फसलों को भरपूर पानी पिलाती नदी 
नहर को अपना जल दे जाती नदी 
सब इससे मुफ्त में ही लाभ उठाते हैं 
तभी तो माता है ,कहलाती नदी