Wednesday, February 26, 2014

ऋतुराज का आगमन

पेड़ों का सर बसंती हवा सहलाने लगी है
टकले पेड़ों पे हरी पत्तियाँ आने लगी है
ऋतुराज ने अब अपना असर दिखाया
अब हज़ार पुष्प बागों को सजाने  लगी है
भँवरों का गान ,मधुमखियों की गीत
देखो कलि कोयल  भी अब गाने लगी है
आम के पौधों ने मौर धारण किया
आम की शिशु फल भी नज़र आने लगी है
मौसम का असर कवि "सान" पे भी
हर शब्दों में बसंत की बात आने लगी है