अपनी सुरीली गानों के बीच वो बहुत साल से खेलती है
फाल्गुन की फाल्गुनी मधुमक्खी भी फूल गुलाल से खेलती है
मुझ तक तो आयी नही कहाँ गयी मेरे हिस्से की होली,
मेरी जिंदगी इस सवाल से खेलती है
फाल्गुन की फाल्गुनी मधुमक्खी भी फूल गुलाल से खेलती है
मुझ तक तो आयी नही कहाँ गयी मेरे हिस्से की होली,
मेरी जिंदगी इस सवाल से खेलती है