बिन बिछावन खेत सो रही है,
आटियों की सुनहरी ढेर,
खलिहान जाने को तैयार है,
बस किसान के फिर आने की है देर,
बिन बिछावन खेत सो रही है,
आटियों की सुनहरी ढेर,
आज तुम देखो बंधी पड़ी है,
मेहनत की बनी पतली-पतली खेर
बिन बिछावन खेत सो रही है,
आटियों की सुनहरी ढेर
Note - आटी - Bundle of paddy crop