पेड़ों का सर बसंती हवा सहलाने लगी है
टकले पेड़ों पे हरी पत्तियाँ आने लगी है
ऋतुराज ने अब अपना असर दिखाया
अब हज़ार पुष्प बागों को सजाने लगी है
भँवरों का गान ,मधुमखियों की गीत
देखो कलि कोयल भी अब गाने लगी है
आम के पौधों ने मौर धारण किया
आम की शिशु फल भी नज़र आने लगी है
मौसम का असर कवि "सान" पे भी
हर शब्दों में बसंत की बात आने लगी है
टकले पेड़ों पे हरी पत्तियाँ आने लगी है
ऋतुराज ने अब अपना असर दिखाया
अब हज़ार पुष्प बागों को सजाने लगी है
भँवरों का गान ,मधुमखियों की गीत
देखो कलि कोयल भी अब गाने लगी है
आम के पौधों ने मौर धारण किया
आम की शिशु फल भी नज़र आने लगी है
मौसम का असर कवि "सान" पे भी
हर शब्दों में बसंत की बात आने लगी है